व्हाइट हाउस में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की मुलाकात ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। इस अहम बैठक का उद्देश्य अमेरिका द्वारा यूरोपीय यूनियन पर लगाए गए टैरिफ पर चर्चा करना था, लेकिन मेलोनी की प्रभावशाली कूटनीतिक शैली और आत्मविश्वासी मौजूदगी ने चर्चा का पूरा माहौल बदल दिया।
मेलोनी के सामने ट्रंप की विनम्रता
ट्रंप ने मेलोनी का गर्मजोशी से स्वागत किया। कैमरों के सामने दोनों नेताओं की सहजता और आपसी तालमेल ने सभी का ध्यान खींचा। ट्रंप ने मेलोनी की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें "दुनिया की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक" बताया।
ट्रंप को संकट से बाहर निकालने वाली मेलोनी
जब एक पत्रकार ने ट्रंप से यह पूछ लिया कि क्या उन्होंने यूरोपीय देशों को 'परजीवी' कहा था, तो ट्रंप थोड़े असहज दिखे। तभी मेलोनी ने हस्तक्षेप कर ट्रंप का बचाव किया और स्पष्ट किया कि ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया है। ट्रंप ने भी इस बात से इनकार किया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि उन्होंने सच्चाई से थोड़ा परहेज किया।
ट्रंप और मेलोनी: वैचारिक समानताएं
- दोनों राष्ट्रवादी सोच रखते हैं
- अवैध प्रवासन के खिलाफ
- राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हैं
- कठोर निर्णय लेने वाले नेता माने जाते हैं
विशेषज्ञों ने इस मुलाकात को “यूरोप के ट्रंप की, अमेरिका के ट्रंप से भेंट” बताया।
टैरिफ और व्यापार पर गंभीर बातचीत
मेलोनी ने ट्रंप से अपील की कि अगर यूरोपीय संघ सहयोग नहीं करता, तो अमेरिका-इटली के बीच सीधी व्यापारिक साझेदारी की जाए। ट्रंप इस विचार से प्रभावित हुए और उन्होंने इटली के साथ मिलकर काम करने का भरोसा दिलाया। मेलोनी ने उन्हें इटली आने का निमंत्रण भी दिया।
ट्रंप का नया टैक्स प्लान: 'रॉबिनहुड स्कीम'
मुलाकात के बाद ट्रंप ने एक बड़ा प्रस्ताव रखा — अमेरिका की जनता को इनकम टैक्स से राहत देने का। उनका दावा है कि अमेरिका अगर टैरिफ से पर्याप्त कमाई करे, तो इनकम टैक्स पूरी तरह खत्म किया जा सकता है।
ट्रंप का तर्क:
- 1870-1913 के बीच अमेरिका सिर्फ टैरिफ से समृद्ध हुआ
- वर्तमान में अमेरिका ₹8,500 से ₹17,000 करोड़ प्रतिदिन टैरिफ से कमा रहा है
- इसलिए अब इनकम टैक्स खत्म करने का समय आ गया है
यदि योजना लागू होती है, तो अमेरिका भी उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जहां इनकम टैक्स नहीं है — जैसे बहरीन और कुवैत।